Saturday, August 20, 2011

देश को गद्दारों से है खतरा: अन्‍ना हजारे

 जन लोकपाल विधेयक की मांग पर अनशन कर रहे अन्ना हजारे का अनशन शनिवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया वहीं उनके दल के सदस्यों ने कहा है कि वे सरकार से वार्ता के लिए तैयार हैं लेकिन अभी तक इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है। कल से रामलीला मैदान में अनशन की शुरुआत कर चुके हजारे आज सुबह दस बजे जब मंच पर आए तो उनके समर्थकों में भारी उत्साह दिखा। मंच से जनसैलाब को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा कि सरकारी खजाने को चोरों से खतरा नहीं है बल्कि उनसे खतरा है जो इसकी सुरक्षा करते हैं और देश को भी इन्हीं देशद्रोहियों से खतरा है।
हजारे ने कहा कि हमें क्यों लड़ना चाहिए? सरकारी खजाने का पैसा हमारा है। खजाने को चोरों से खतरा नहीं है बल्कि उनसे है जो इसकी रक्षा करते हैं। दुश्मन देश के साथ विश्वासघात नहीं करते बल्कि यही देशद्रोही विश्वासघात करते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में मेरा वजन साढ़े तीन किलो कम हो गया है। मैं थोड़ा कमजोर महसूस कर रहा हूं लेकिन इसके बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। जब तक हमें मजबूत लोकपाल नहीं मिल जाता यह लड़ाई जारी रहेगी।
दूसरी तरफ, हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने कहा कि वे सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन अभी तक इसकी पहल नहीं हुई है।
केजरीवाल और सिसौदिया ने कहा कि हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन उनकी तरफ से किसी तरह की पहल नहीं हुई है। हमें बातचीत के लिए कहां जाना चाहिए और किससे बात करनी चाहिए? इससे पहले कल हजारे ने जन लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए सरकार को तीस अगस्त तक का अंतिम समय दिया था और कहा था कि ऐसा नहीं होने पर वह अपनी अंतिम सांस तक अनशन करेंगे।



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